1. नजासते ग़लीज़ा
2. नजासते ख़फ़ीफ़ा
#नजासते_ग़लीज़ा
पेशाब,पाखाना,खू न,मेवाद,उल्टी,म नी,मज़ी,वदी,दुख ती आंख का पानी इसके अलावा हर हराम जानवर जैसे की कुत्ता बिल्ली चूहा गधा खच्चर हाथी सुअर शेर लोमड़ी का पेशाब पाखाना और घोड़े की लीद व हलाल जानवर जैसे की गाय व भैंस का गोबर बकरी व ऊंट की मेंगनी व जो परिन्दे ज़्यादा ऊंचे नहीं उड़ते जैसे कि मुर्गी व बतख की बीट,छिपकली व गिरगिट का खून,हाथी की सूंड़ की रतूबत,कुत्ते की राल व हराम चौपायो का लोआब,नजासते ग़लीज़ा अगर 1 दिरहम से ज़्यादा हो तो धोना फ़र्ज़ है,बिन धोये नमाज़ होगी ही नहीं,अगर 1 दिरहम के बराबर हो तो धोना वाजिब बिन धोये नमाज़ पढ़ना गुनाह,नमाज़ वाजिबुल इयादा,हां अगर इससे कम हो तो बिन धोये भी नमाज़ हो जायेगी मगर बेहतर नहीं
#नजासते_ख़फ़ीफ़ा।
जिन जानवरों का गोश्त खाना हलाल है उनका और घोड़े का पेशाब नजासते ख़फ़ीफ़ा है और जिन परिंदों का गोश्त हराम है उनकी बीट भी नजासते ख़फ़ीफ़ा ही है,नजासते ख़फ़ीफ़ा जिस्म या कपड़े पर जहां लगी हो अगर उस कपड़े या बदन की चौथाई से कम है तो धोना सुन्नत है बिन धोये भी नमाज़ हो जायेगी और अगर चौथाई से ज़्यादा है तो धोना वाजिब
#मसअला - पानी के सारे जानवरों व मच्छर खटमल का खून व घोड़ा,गधा,गाय,भ ैंस,बकरी का लोआब पाक है
#मसअला - दूध पीते बच्चों का पेशाब भी नजासते ग़लीज़ा है
#मसअला - इसी तरह बच्चे ने दूध की उल्टी कर दी तो अगर मुंह भरकर है तो नजासते ग़लीज़ा ही है
#मसअला - हर हलाल परिंदे जैसे कबूतर,मैना,मुर् ग़ाबी की बीट पाक है और चमगादड़ की बीट और पेशाब दोनों पाक है
#मसअला - रास्ते की कीचड़ पाक है जब तक कि उस का नजिस होना मालूम ना हो बिन धोये नमाज़ हो जायेगी मगर धो लेना बेहतर है
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 2,सफ़ह 96---101
#ग़ुस्ल
ग़ुस्ल इन 5 बातों से फ़र्ज़ होता है
1. मनी का शहवत के साथ निकलना (चाहे माज़ अल्लाह हाथ से निकाले)
2. एहतेलाम यानि nightfall हो
3. सोहबत करने से
4. हैज़ (m c) के बाद
5. निफ़ास (बच्चे की पैदाइश के बाद)
इसके अलावा कैसी ही नजासत लगे क़तरा गिरे उसका धोना फ़र्ज़ है ग़ुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#ग़ुस्ल_में_3_फ़र् ज़_हैं!
1. कुल्ली इस तरह करना की होंट से हलक़ तक दांतो की सारी जड़ में पानी पहुंच जाये
2. नाक की नर्म हड्डी तक पानी चढ़ाना
3. सर से लेकर पैर तक ऐसा पानी बहाना कि 1 बाल बराबर जगह भी सुखी न रहे,इन तीनो में से कुछ भी छूटा तो हरगिज़ ग़ुस्ल नहीं होगा और जब गुस्ल नहीं हुआ तो वुज़ु नहीं होगा और जब वुज़ु नहीं होगा तो नमाज़ कहां से होगी
#ग़ुस्ल_की_सुन्नत े।
! नियत करना
! दोनों हाथ गट्टो तक धोना
! इस्तिन्जा की जगह या कहीं नजासत लगी हो तो पहले उसे धोना
! वुज़ू करना
! बदन पे पानी मलना
! 3 बार दाए कंधों पर 3 बार बाएं कंधों पर फिर सर से पानी डालना
! किबला रुख न होना
! ऐसी जगह नहांये की कोई ना देखे
! नहाते हुए बात या कोई दुआ न पढ़े
#मसअला - अगर पेशाब के साथ मनी के कुछ कतरात आ जाये तो गुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#मसअला - युंहि अगर बिला शहवत मनी के कुछ कतरे निकल आये तो वुज़ु टूट जायेगा मगर गुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#मसअला - अगर ख्वाब याद है मगर कपड़ों पर कुछ असरात मनी के मौजूद नहीं तो गुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#मसअला - और अगर कपड़ों पर मनी या मज़ी के निशान है और ख्वाब याद नहीं तो गुस्ल फ़र्ज़ है
#मसअला - जिनपर गुस्ल फ़र्ज़ है उनको मस्जिद मे जाना,क़ुरान मजीद छूना,ज़बान से क़ुरान की आयत पढ़ना,किसी आयत का लिखना हराम है युंहि क़ुरान की नुक़ूश वाली अगूठी पहन्ना भी
#मसअला - जिनपर गुस्ल फ़र्ज़ है अगर उन्होने हाथ धोने से पहले किसी बाल्टी या टब में हाथ डाल दिया बल्कि सिर्फ नाखून ही डुबो दिया तो सारा पानी मुशतमिल हो गया अब उससे गुस्ल या वुज़ू कुछ नहीं हो सकता,इस बात का खयाल रखें अगर कोई गुस्ल खाने मे बरहना होकर नहाता है और नहाने से पहले या बाद को कुल्ली करता और नाक में पानी चढ़ा लेता है,उसका गुस्ल हो गया और जिसने गुस्ल कर लिया उसका वुज़ू भी हो गया
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 2,सफ़ह 30----43
#वुज़ू
#वुज़ू_में_4_फ़र्ज़ _हैं।
1. मुंह धोना,यानि पेशानी से थोड़ी तक,एक कान से दूसरे कान तक
2. नाख़ून से कुहनी तक दोनों हाथ धोना
3. चौथाई सर का मसह करना
4. गट्टो तक दोनों पैर धोना,धोने का मतलब ये कि हर जगह कम से कम 2 बूंद पानी बह जाये वरना वुज़ू न होगा
#वुज़ू_की_सुन्नते।
! नियत करना
! बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ना
! गट्टो तक हाथ धोना
! मिस्वाक करना
! कुल्ली करना
! नाक में पानी डालना
! नाक साफ़ करना
! दाढ़ी व उंगलियों का ख़िलाल करना
! हर उज़ू को 3 बार धोना
! पूरे सर का 1 बार मसह करना
! तरतीब से वुज़ू करना
! हर हिस्से को लगातार धोना
! कानों का मसह करना
! हर मकरूहात से बचना
#वुज़ू_के_मकरूहात।
! औरत के वुज़ू या गुस्ल के बचे हुए पानी से वुज़ू या गुस्ल करना
! नजिस जगह बैठना
! मस्जिद के अन्दर वुज़ू का पानी टपकाना
! पानी के बरतन में आज़ाये वुज़ू का पानी टपकाना
! क़िब्ला की तरफ़ थूकना या नाक सिनकना
! बिला ज़रूरत दुनिया की बात करना
! ज़्यादा पानी खर्च करना
! इत्ना कम पानी खर्च करना कि सुन्नत भी अदा ना हो
! एक हाथ से मुंह धोना
! गले का मसह करना
! बायें हाथ से कुल्ली करना और दायें हाथ से नाक साफ़ करना
! धूप के गर्म पानी से वुज़ू करना
#वुज़ू_इन_बातों_स े_टूटता_है।
! पेशाब-पाखाना-मन ी-मज़ी-कीड़ा या कुछ भी आगे या पीछे के मक़ाम से निकला या हवा ख़ारिज की
! जो जगह गुस्ल मे धोना फ़र्ज़ है वहां से खून या पीप का बहना
! दुखती आंख से पानी का बहना
! मुंह भरके उल्टी होना
! सो जाना
! बेहोशी
! नमाज़ में आवाज़ से हंसना
! थूक में खून का ग़ालिब आना
! इतना नशा होना कि लड़खड़ाये
#मसअला - अवाम में जो ये मशहूर है कि घुटना खुल जाने या अपना या पराया सतर देखने से वुज़ू टूट जाता है ये बे अस्ल बात है,हां नाफ़ से लेकर घुटनो तक ग़ैर के सामने खोलना हराम है
#मसअला - बैठे बैठे ऊंघने से वुज़ू नहीं टूटता
#मसअला - युंहि बैठे हुए ऊंघ रहा था और गिर पड़ा मगर फ़ौरन आंख खुल गई तो वुज़ू नहीं गया
#मसअला - विल्हान एक शैतान का नाम है जो वुज़ू में वस्वसे पैदा करता है कि फलां उज़ू धोया कि नहीं धोया, अगर पहली बार ऐसा हुआ है तो धो लें और अगर हमेशा ऐसा होता है तो बिलकुल उसकी तरफ़ तवज्जह न दें कि उसकी तरफ़ तवज्जह करना भी एक वस्वसा ही है
#मसअला - जो बा वुज़ू था उसे अब शक हुआ कि वुज़ू है कि नहीं तो शक़ से वुज़ू नहीं टूटता,उसका वुज़ू बाकी है
#मसअला - मियानी में तरी देखी कि पानी है या पेशाब,तो अगर उम्र का ये पहला वाक़या है तो धोकर वुज़ू करलें,और अगर बारहा ऐसा होता है तो ये एक शैतानी वस्वसा है,उसपर ध्यान न दें
#मसअला - आखें या होंट इतनी ज़ोर से बंद कर लेना कि कुछ हिस्सा धुलने से बाकी रह गया तो वुज़ू ही ना हुआ
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 2,सफ़ह 9----30
2. नजासते ख़फ़ीफ़ा
#नजासते_ग़लीज़ा
पेशाब,पाखाना,खू
#नजासते_ख़फ़ीफ़ा।
जिन जानवरों का गोश्त खाना हलाल है उनका और घोड़े का पेशाब नजासते ख़फ़ीफ़ा है और जिन परिंदों का गोश्त हराम है उनकी बीट भी नजासते ख़फ़ीफ़ा ही है,नजासते ख़फ़ीफ़ा जिस्म या कपड़े पर जहां लगी हो अगर उस कपड़े या बदन की चौथाई से कम है तो धोना सुन्नत है बिन धोये भी नमाज़ हो जायेगी और अगर चौथाई से ज़्यादा है तो धोना वाजिब
#मसअला - पानी के सारे जानवरों व मच्छर खटमल का खून व घोड़ा,गधा,गाय,भ
#मसअला - दूध पीते बच्चों का पेशाब भी नजासते ग़लीज़ा है
#मसअला - इसी तरह बच्चे ने दूध की उल्टी कर दी तो अगर मुंह भरकर है तो नजासते ग़लीज़ा ही है
#मसअला - हर हलाल परिंदे जैसे कबूतर,मैना,मुर्
#मसअला - रास्ते की कीचड़ पाक है जब तक कि उस का नजिस होना मालूम ना हो बिन धोये नमाज़ हो जायेगी मगर धो लेना बेहतर है
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 2,सफ़ह 96---101
#ग़ुस्ल
ग़ुस्ल इन 5 बातों से फ़र्ज़ होता है
1. मनी का शहवत के साथ निकलना (चाहे माज़ अल्लाह हाथ से निकाले)
2. एहतेलाम यानि nightfall हो
3. सोहबत करने से
4. हैज़ (m c) के बाद
5. निफ़ास (बच्चे की पैदाइश के बाद)
इसके अलावा कैसी ही नजासत लगे क़तरा गिरे उसका धोना फ़र्ज़ है ग़ुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#ग़ुस्ल_में_3_फ़र्
1. कुल्ली इस तरह करना की होंट से हलक़ तक दांतो की सारी जड़ में पानी पहुंच जाये
2. नाक की नर्म हड्डी तक पानी चढ़ाना
3. सर से लेकर पैर तक ऐसा पानी बहाना कि 1 बाल बराबर जगह भी सुखी न रहे,इन तीनो में से कुछ भी छूटा तो हरगिज़ ग़ुस्ल नहीं होगा और जब गुस्ल नहीं हुआ तो वुज़ु नहीं होगा और जब वुज़ु नहीं होगा तो नमाज़ कहां से होगी
#ग़ुस्ल_की_सुन्नत
! नियत करना
! दोनों हाथ गट्टो तक धोना
! इस्तिन्जा की जगह या कहीं नजासत लगी हो तो पहले उसे धोना
! वुज़ू करना
! बदन पे पानी मलना
! 3 बार दाए कंधों पर 3 बार बाएं कंधों पर फिर सर से पानी डालना
! किबला रुख न होना
! ऐसी जगह नहांये की कोई ना देखे
! नहाते हुए बात या कोई दुआ न पढ़े
#मसअला - अगर पेशाब के साथ मनी के कुछ कतरात आ जाये तो गुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#मसअला - युंहि अगर बिला शहवत मनी के कुछ कतरे निकल आये तो वुज़ु टूट जायेगा मगर गुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#मसअला - अगर ख्वाब याद है मगर कपड़ों पर कुछ असरात मनी के मौजूद नहीं तो गुस्ल फ़र्ज़ नहीं
#मसअला - और अगर कपड़ों पर मनी या मज़ी के निशान है और ख्वाब याद नहीं तो गुस्ल फ़र्ज़ है
#मसअला - जिनपर गुस्ल फ़र्ज़ है उनको मस्जिद मे जाना,क़ुरान मजीद छूना,ज़बान से क़ुरान की आयत पढ़ना,किसी आयत का लिखना हराम है युंहि क़ुरान की नुक़ूश वाली अगूठी पहन्ना भी
#मसअला - जिनपर गुस्ल फ़र्ज़ है अगर उन्होने हाथ धोने से पहले किसी बाल्टी या टब में हाथ डाल दिया बल्कि सिर्फ नाखून ही डुबो दिया तो सारा पानी मुशतमिल हो गया अब उससे गुस्ल या वुज़ू कुछ नहीं हो सकता,इस बात का खयाल रखें अगर कोई गुस्ल खाने मे बरहना होकर नहाता है और नहाने से पहले या बाद को कुल्ली करता और नाक में पानी चढ़ा लेता है,उसका गुस्ल हो गया और जिसने गुस्ल कर लिया उसका वुज़ू भी हो गया
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 2,सफ़ह 30----43
#वुज़ू
#वुज़ू_में_4_फ़र्ज़
1. मुंह धोना,यानि पेशानी से थोड़ी तक,एक कान से दूसरे कान तक
2. नाख़ून से कुहनी तक दोनों हाथ धोना
3. चौथाई सर का मसह करना
4. गट्टो तक दोनों पैर धोना,धोने का मतलब ये कि हर जगह कम से कम 2 बूंद पानी बह जाये वरना वुज़ू न होगा
#वुज़ू_की_सुन्नते।
! नियत करना
! बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ना
! गट्टो तक हाथ धोना
! मिस्वाक करना
! कुल्ली करना
! नाक में पानी डालना
! नाक साफ़ करना
! दाढ़ी व उंगलियों का ख़िलाल करना
! हर उज़ू को 3 बार धोना
! पूरे सर का 1 बार मसह करना
! तरतीब से वुज़ू करना
! हर हिस्से को लगातार धोना
! कानों का मसह करना
! हर मकरूहात से बचना
#वुज़ू_के_मकरूहात।
! औरत के वुज़ू या गुस्ल के बचे हुए पानी से वुज़ू या गुस्ल करना
! नजिस जगह बैठना
! मस्जिद के अन्दर वुज़ू का पानी टपकाना
! पानी के बरतन में आज़ाये वुज़ू का पानी टपकाना
! क़िब्ला की तरफ़ थूकना या नाक सिनकना
! बिला ज़रूरत दुनिया की बात करना
! ज़्यादा पानी खर्च करना
! इत्ना कम पानी खर्च करना कि सुन्नत भी अदा ना हो
! एक हाथ से मुंह धोना
! गले का मसह करना
! बायें हाथ से कुल्ली करना और दायें हाथ से नाक साफ़ करना
! धूप के गर्म पानी से वुज़ू करना
#वुज़ू_इन_बातों_स
! पेशाब-पाखाना-मन
! जो जगह गुस्ल मे धोना फ़र्ज़ है वहां से खून या पीप का बहना
! दुखती आंख से पानी का बहना
! मुंह भरके उल्टी होना
! सो जाना
! बेहोशी
! नमाज़ में आवाज़ से हंसना
! थूक में खून का ग़ालिब आना
! इतना नशा होना कि लड़खड़ाये
#मसअला - अवाम में जो ये मशहूर है कि घुटना खुल जाने या अपना या पराया सतर देखने से वुज़ू टूट जाता है ये बे अस्ल बात है,हां नाफ़ से लेकर घुटनो तक ग़ैर के सामने खोलना हराम है
#मसअला - बैठे बैठे ऊंघने से वुज़ू नहीं टूटता
#मसअला - युंहि बैठे हुए ऊंघ रहा था और गिर पड़ा मगर फ़ौरन आंख खुल गई तो वुज़ू नहीं गया
#मसअला - विल्हान एक शैतान का नाम है जो वुज़ू में वस्वसे पैदा करता है कि फलां उज़ू धोया कि नहीं धोया, अगर पहली बार ऐसा हुआ है तो धो लें और अगर हमेशा ऐसा होता है तो बिलकुल उसकी तरफ़ तवज्जह न दें कि उसकी तरफ़ तवज्जह करना भी एक वस्वसा ही है
#मसअला - जो बा वुज़ू था उसे अब शक हुआ कि वुज़ू है कि नहीं तो शक़ से वुज़ू नहीं टूटता,उसका वुज़ू बाकी है
#मसअला - मियानी में तरी देखी कि पानी है या पेशाब,तो अगर उम्र का ये पहला वाक़या है तो धोकर वुज़ू करलें,और अगर बारहा ऐसा होता है तो ये एक शैतानी वस्वसा है,उसपर ध्यान न दें
#मसअला - आखें या होंट इतनी ज़ोर से बंद कर लेना कि कुछ हिस्सा धुलने से बाकी रह गया तो वुज़ू ही ना हुआ
📕 बहारे शरीयत,हिस्सा 2,सफ़ह 9----30
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