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औरंगज़ेब आलमगीर के हाथ लिखे हुए क़ुरआन ए करीम ब्रिटिश लाइब्रेरी में मौजूद हैं.
औरंगज़ेब आलमगीर किताबत (calligraphy) का बेह्तरीन हुनर रखते थे. वो अक्सर क़ुरआन की नकल किया करते थे उन्हें हदिया कर जो आमदनी होती थी वो जमा करते थे. उनकी वसीयत मौजूद है जिसमें उन्होंने कहा थे कि जो पैसा क़ुरआन की नक़लें हदिया कर हासिल हुआ है उसी से उनके कफ़न दफ़्न का ख़र्च किया जाए.
हज़रत टीपू सुल्तान शहीद के कुतुबख़ाने (लाइब्रेरी) में औरंगज़ेब के हाथ क़ुरआन की नकल मौजूद है. जब हज़रत टीपू सुल्तान शहीद हो गए तो उनका खज़ाना और लाइब्रेरी सब लूट लिया गया. उनकी तक़रीबन सारी चीज़ें इंग्लैंड ले जायी गईं. हज़रत टीपू सुल्तान के पास क़ुरआन की नादिर ओ नायाब नुस्खे थे जिनमें एक ख़ुद टीपू सुल्तान और एक औरंगजेब का नकल किया हुआ था. औरंगज़ेब के कुरआन पर ये लाइंस लिखी हुई हैं
[For His Majesty's Library,
from
the Library of the Late Tippoo Sultaun.
"This Koran belonged to the Emperor Aurangzebe and was purchased by that Prince for the some of nine thousand rupees."
See the report of the captors of Sirangapatnum.
College of fort William 15th of August 1805
Library East India House 4th February 1807.]
" ये नुस्खा टीपू सुल्तान की लाइब्रेरी से शाही लाइब्रेरी के लिए है.
"ये क़ुरआन बादशाह औरंगज़ेब का है प्रिंस (यानी टीपू सुल्तान) ने 9 हज़ार में खरीदा था..
History of Indian subcontinent
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1940 की दशक में ली गयी ताजमहल की एक फ़िज़ाई तस्वीर तब आस-पास कोई ईमारत नहीं हुआ करती थी।
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1940 की दशक में ली गयी ताजमहल की एक फ़िज़ाई तस्वीर तब आस-पास कोई ईमारत नहीं हुआ करती थी।